विधानसभा पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर बबुरी में आज अपने आवास पर भारतीय जनता पार्टी चंदौली पश्चिमी मण्डल द्वारा आयोजित संगोष्ठी में भारतीय जनसंघ के संस्थापक, प्रखर राष्ट्रवादी विचारक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की जन्म-जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर भावपूर्ण नमन किया.
इस अवसर पर उनके विचारों, सिद्धांतों एवं "एक राष्ट्र, एक विधान, एक निशान" जैसे उनके ऐतिहासिक संकल्प पर विस्तार से चर्चा हुई. उनका जीवन समर्पण, राष्ट्रभक्ति और अस्मिता की अमिट प्रेरणा है, जो आज भी विधानसभा पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर सहित सम्पूर्ण राष्ट्र को दिशा दिखा रहा है.
स्वास्थ्य बाधित था, परंतु हृदय की श्रद्धा अविरल थी. आज अस्वस्थ होने के बावजूद स्वयं को रोक न सका, क्योंकि यह दिन है उस महान राष्ट्रऋषि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की जन्म जयंती का जिनके विचार, संघर्ष और बलिदान भारत की एकता और अखंडता के स्वर्णिम अध्याय हैं. उनका संपूर्ण जीवन राष्ट्रधर्म के लिए समर्पित रहा.
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी न केवल एक प्रखर शिक्षाविद् और कुशल प्रशासक थे, बल्कि एक ऐसे दूरदर्शी नेता भी, जिन्होंने "एक देश में दो निशान, दो प्रधान, दो विधान नहीं चलेंगे" का उदघोष कर इतिहास रच दिया. आज हम उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुए उनके राष्ट्रनिष्ठ संकल्पों को स्मरण कर स्वयं को पुनः राष्ट्रसेवा हेतु प्रेरित कर रहे हैं. नमन है उस महान आत्मा को,जिनकी प्रेरणा युगों-युगों तक अमर रहेगी.