“जीवन का जब अंत होने को हो तो मेरा पार्थिव शरीर भी भारतीय जनता पार्टी के झंडे में लिपटकर जाए” - स्व कल्याण सिंह जी बाबूजी
उत्तर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजनीति के धुरंधर, जिन्होंने अपने अथक परिश्रम से संगठन को हाशिये से फलक तक लाने में अहम योगदान दिया, ऐसे श्री कल्याण सिंह बाबूजी आज पंचतत्व मे विलीन हो गए। 89 वर्ष की आयु में उन्होंने लखनऊ के एसजीपीजीआई में अंतिम श्वास ली। वह दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे और राजस्थान के राज्यपाल पद पर भी उन्होंने सेवाएं दी थी। उनके निधन से राजनीतिक व सामाजिक गलियारों में शोक की लहर है। उनके निधन को राजनीति के एक युग का अंत बताते हुए सकलड़ीहा विधानसभा से भावी प्रत्याशी एवं भाजपा प्रभारी सूर्यमुनि तिवारी ने कहा,
"प्रखर हिंदू राष्ट्रवादी, प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त, पूर्व राज्यपाल एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, करोड़ों कार्यकर्ताओं के अभिभावक आदरणीय कल्याण सिंह जी का जाना जैसे एक युग के अंत होने जैसा है।। कल्याण जी जैसे महान व्यक्तित्व का निधन, पार्टी ही नहीं अपितु पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है।। प्रभु श्री रामलला उनको अपने श्रीचरणों में स्थान दें।। ॐ शांति"