पूर्व विधानसभा प्रत्याशी भारतीय जनता पार्टी विधानसभा सकलडीहा, चंदौली, उत्तर प्रदेश के नेता सूर्यमुनि तिवारी जी ने बताया कि आज कैथी, वाराणसी में आगामी 10,11 व 12 फरवरी को होने वाले मार्कण्डेय महादेव महोत्सव के पूर्व आयोजित महोत्सव योजना बैठक में शामिल होकर महोत्सव स्थल का निरीक्षण किया. साथ ही एकादशी की पावन बेला पर जनपद वाराणसी के कैथी में स्थापित श्री मार्कण्डेय महादेव मन्दिर पहुंच प्रभु के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया व समस्त देशवासियों के सुखी जीवन की प्रार्थना की.
बताते चले कि मार्कंडेय महादेव का मंदिर वाराणसी से करीब 30 किमी दूर गंगा-गोमती के संगम तट कैथी गांव में स्थित है. यह स्थान वाराणसी गाजीपुर राजमार्ग पर पड़ता है. मान्यता है कि यमराज भी यहां हार मान जाते हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के अलावा लोग कैथी धाम के भी दर्शन के लिए पहुंचते हैं.
इस धाम के लेकर एक कथा प्रचलित है कि जब मार्कण्डेय ऋषि पुत्र पैदा हुए तो वो अल्पायु के थे. उनके माता पिता को यह बात ज्योतिषियों ने बताया कि लड़का सिर्फ 14 साल तक जीवित रहेगा. जिससे ऋषि दंपति दुखी रहने लगे थे। संतों की सलाह पर मार्कण्डेय ऋषि के पिता ने गंगा-गोमती संगम पर बालू से शिव विग्रह बनाकर उसकी पूजा करने लगे. मार्कण्डेय ऋषि के पिता तपस्या में लीन हो गए. जब बालक मार्कण्डेय ऋषि 14 साल के हो गए थे.
ज्योतिषियों के बताए समय पूर्ण होने पर उन्हें लेने यमराज आ गए. उस समय पिता के साथ-साथ बालक मार्कण्डेय ऋषि भी तपस्या में लीन थे. जैसे ही यमराज उनका प्राण हरने चले वैसे ही भगवान शिव प्रकट हो गए. भगवान शिव को देखकर यमराज नतमस्तक हो गए. भगवान शिव ने कहा कि मेरा भक्त सदैव अमर रहेगा और इसकी पूजा की जाएगी. तभी से भगवान शिव के साथ-साथ मार्कण्डेय की पूजा होने लगी. तभी से यह मार्कण्डेय महादेव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हो गया.